फैशन आइकन जियोर्जियो अरमानी अब नहीं रहे. 91 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले अरमानी ने फैशन की इंडस्ट्री में ऐसा काम किया था कि एक नया ग्लोबल लाइफस्टाइल खड़ा हो गया. उन्होंने सिर्फ डिजाइनर आउटफिट्स ही नहीं परफ्यूम, होम डेकोर और दूसरे क्रिएटिव फील्ड में भी नाम कमाया. उनका मानना था कि लोग फैशनेबल नजर आने के चक्कर में खुद को कपड़ों से लद लेते हैं जबकि ये गलत है. इसकी जगह लाइट और कंफर्ट का ध्यान रखकर भी स्टाइलिश नजर आया जा सकता है. उन्होंने 1970 में ऐसा ट्रेंड सेट किया कि इससे पूरी दुनिया के ड्रेसिंग स्टाइल पर असर पड़ा.
इटालियन फैशन को दुनिया में अलग पहचान दिलाने वाले अरमानी ने कपड़ों के बारे में सोचने के तरीके को ही बदलकर रख दिया था. अरमानी को सूट डिजाइनिंग के लिए खूब जाना जाता है. उन्होंने फैशन सेंस में दो बार बड़े बदलाव किए. 80 के दशक में पुरुष ऐसे सूट पहनते थे जो काफी हैवी और ओवर स्टाइलिश होते थे. उन्होंने सूट के कंधे के पैड और अंदर लगने वाले अस्तर को हटा दिया.
इस तरह ये शरीर के हिसाब से फिट तो बैठा ही और इसका लाइटवेट होना लोगों को बेहद पसंद आया. इसके बाद उन्होंने महिलाओं के लिए भी ऐसा सूट तैयार किया जो न सिर्फ अट्रैक्टिव था बल्कि इसे पहनने से कॉन्फिडेंट भी महससूस होता था. चलिए आपको बताते हैं कैसे जियोर्जियो अरमानी ने फैशन में अपनी धाक जमाई और किस तरह उन्होंने कपड़ों के प्रति लोगों की सोच को पलट कर रख दिया.
कैसे बने ‘किंग जियोर्जियो’?
11 जुलाई 1934 को उत्तरी इटली के पियासेंजा शहर में जियोर्जियो अरमानी का जन्म हुआ. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत डॉक्टरी की पढ़ाई से की थी लेकिन किस्मत उन्हें कहीं और ही ले जाना चाहती थी. बात साल 1953 की है जब उन्होंने इटली की सेना में शामिल होने के लिए पढ़ाई से मुंह मोड़ लिया. यहां से अरमानी सैन्य अस्पताल का हिस्सा बन गए जहां उन्होंने रिनासेंटे डिपार्टमेंट स्टोर में नौकरी का मौका मिला. यहां वे विंडो ड्रेसर और सेल्स कलर्क की भूमिका में थे. खास बात थी कि उन्हें यहां फैशन को और करीब से जानने और समझने का मौका मिला. यहां से उनका फैशन की फील्ड में और इंटरेस्ट बढ़ गया.
इसके बाद उन्होंने साल 1975 में अपने अरमानी ब्रांड की स्थापना की जिसमें उनका साथ सर्जियो गैलियोटी ने दिया. दोनों ने मिलकर मिलान शहर में जियोर्जियो अरमानी एस.पी.ए की नींव रखी. अरमानी के फैशन को नई राह फिल्म अमेरिकन जिगोलो से मिली क्योंकि इसमें रिचर्ड गेरे ने उनका स्टाइल किया हुआ सूट पहना. इसके बाद ये इतना पॉपुलर हुआ कि अरमानी को किंग जियोर्जियो तक पुकारे जाने लगा.
कैसे बदला फैशन सेंस?
अरमानी का क्रांतिकारी कदम सॉफ्ट टेलरिंग था जिसमें फोकस सिर्फ हल्के या लाइटवेट वियरिंग पर था. एक समय था जब लोग भारी-भरकम फैशनेबल आउटफिट्स को पहनकर खुद को स्लाइलिश मानते थे. अरमानी लोगों की इसी सोच को बदलना चाहते थे. उनका मोटिव कपड़ों के प्रति लोगों की सोच बदलने के साथ उसे उनके लाइफस्टाइल में अप्लाई करना भी था. उन्होंने पुरुषों और महिलाओं के लिए रेडी-टू-वियर कलेक्शन लॉन्च किया जिसे मिलान से लेकर हॉलीवुड रेड कार्पेट तक खूब पंसद किया गया. कपड़ों को डिजाइन करने में अरमानी की कारीगरी का जवाब नहीं था. सॉफ्ट टेलरिंग और म्यूट टोन के जरिए फैशन के क्षेत्र में क्रांति लाने के अलावा एक जीवनशैली बनाई गई जिसे तेजी से लोग अपनाने लगे. उन्होंने लड़कों को लड़कियों के और लड़कियों को लड़कों के कपड़े पहनाकर फैशन सेंस की तस्वीर ही बदल दी.
पावर ड्रेसिंग का कॉन्सेप्ट
बिजनेस वर्ल्ड के लिए बेहतरीन फैशन तैयार करने के पीछे अरमानी ने पावर ड्रेसिंग पर ज्यादा फोकस किया. इसी वजह से उनके डिजाइन किए हुए सूट स्टाइल के साथ कॉन्फिडेंस भी बिल्ड करते थे. अरमानी ने महिलाओं के लिए ऐसे ब्लेजर और सूट तैयार करें जिनसे कॉन्फिडेंस और प्रोफेशनलिज्म साफ झलकता था. इसी कारण पूरे कॉर्पोरेट वर्ल्ड में ड्रेसिंग का पूरा स्टैंडर्ड ही बदल गया. ये कपड़े पावर ड्रेसिंग सेंस के साथ कंफर्टेबल भी थे और इसका कारण था सॉफ्ट टेलरिंग.
इसके अलावा वे कपड़ों में न्यूट्रल कलर्स का यूज करते थे. दरअसल, 1970 और 1980 के दौरान ब्राइट और फ्लैशी कलर्स को बहुत पसंद किया जाता था. इसके बजाय अरमानी ने ग्रे, बेज और वाइट कलर पर फोकस करते हुए सूट तैयार किए. इस कारण न्यूट्रन टोन को फैशन में मेनस्ट्रीम बनाया गया. ये ज्यादा एलिगेंट और क्लासी लुक में हेल्प करते थे.
कैजुअल और फॉर्मल का मिक्स
एक समय था जब लोग कैजुअल और फॉर्मल को अलग-अलग कैरी करना ही पसंद करते थे. लेकिन अरमानी की इसके लिए अलग ही सोच थी. उन्होंने फॉर्मल और कैजुअल स्टाइल के बीच अलग बैलेंस बनाया. उन्होंने सिंपल जैकेट या ब्लेजर के साथ कैजुअल लुक को कैसे कैरी कर सकते हैं ये बताया. ऐसे में और स्टाइलिश लुक मिला और इस तरीके ने यंग जेनरेशन को और अट्रैक्ट किया. अरमानी के मुताबिक फैशनेबल आना अच्छा है लेकिन ओवर ड्रेसिंग की जरूरत बिल्कुल नहीं होती. उन्होंने कहा था कि ‘Elegance is not about being noticed, its about being remembered’. उन्होंने कम फैशनेबल होकर भी कैसे अट्रैक्टिव दिखा जा सकता है ये अपनी बेहतरीन कारिगिरी और समझ से लोगों को समझाया.
शाही परिवार से आम घरों तक हुए पॉपुलर
भले ही अमेरिकन जिगोलो ने अरमानी का फैशन पॉपुलर हो गया हो लेकिन इसके बाद भी वे इस क्षेत्र में बेहतरीन काम करते रहे. आज भी अरमानी का नाम सुनते ही लोगों में रॉयल स्टाइल की फीलिंग आ जाती है. एक समय पर अरमानी पावर सूट फैशन जगत में मिसाल बन गए और इस वजह से उन्हें वॉल स्ट्रीट के अधिकारी, रेड कॉर्पेट के स्टार और शाहीपरिवार तक स्टाइल आइकन मानने लगा.
आज न सिर्फ स्टाइलिश आउटफिट्स बल्कि परफ्यूम, वॉच, चश्मे, होटल्स, रेस्टोरेंट्स और होम डेकोर में अरमानी का बोलबाला है. रिपोर्ट्स के मुताबिक अरमानी का सालाना बिजनेस 2 अरब डॉलर का रहता है और आज उनकी नेटवर्थ करीब 12.1 बिलियन डॉलर की बताई जा रही है.
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