कुछ लोगों को गार्डनिंग का बहुत शौक होता है. वह अपने घर पर बालकनी या फिर छत पर तरह-तरह के पौधा गमलों में लगाते हैं. यह न सिर्फ दिखने में अच्छे लगते हैं, बल्कि इनके कई फायदे भी होते हैं जैसे कि करी पत्ता, एलोवेरा और तुलसी जैसे कुछ दूसरे कई पौधों में औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जो व्यक्ति की स्किन, बालों और सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. इसके अलावा लोग घरों पर कई तरह की सब्जियां उगाते हैं. अगर घर के आंगन में जगह बहुत ज्यादा है तो जमीन में करेला, नींबू, और कई सब्जियों और फल लगाएं जाते हैं. लेकिन अगर घर में जगह कम है और आपको प्लांटिंग का बहुत शौक है. तो आप हरी मिर्च गमले में लगा सकते हैं.
हरी मिर्च भारतीय भोजन व्यंजन का एक अहम हिस्सा है. जो स्वाद को बढ़ाने में मदद करता है. इसके साथ ही इस सीमित मात्रा में और सही तरीके से खाया जाए, तो यह सेहत के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है. आप बाजार की जगह अपने घर पर गमले में लगी ताजी हरी मिर्चा का उपयोग कर सकते हैं. लेकिन कई बार बहुत कोशिश करने पर भी सही से पौधे में हरी मिर्च नहीं आ पाती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं गमले में हरी मिर्च को लगाने का सही तरीका और किन बातों का जरूर ख्याल रखना चाहिए.
गमले में कैसे लगाएं हरी मिर्च?
इसके लिए सबसे पहले को गमले में मिट्टी डालें. इसके बाद आपको हरी मिर्च के बीजों की जरूरत होती है. अच्छी क्वालिटी के देसी बीज या फिर हरी मिर्च से बीज निकाल कर उसका उपयोग कर सकते हैं. इसे मिट्टी के ऊपर डालें और उसके बाद थोड़ी मिट्टी की परत से ढक दें. अब इसमें थोड़ा पानी डालकर धूप में रख दें. इसमें 1 से 2 दिन में पानी डालें. साथ ही जरूरत के मुताबिक इसमें पानी डालते रहें. 10 से 15 दिन बाद आपको थोड़ा बहुत रिजल्ट देखने को मिल सकता है. इसकी पत्तियों की ग्रोथ हो जाएगी. इसे अब आप दूसरे गमले में भी लगा सकते हैं. नीचे पानी निकासी के लिए ड्रेनेज होल होना जरूरी है.
अब मिर्च के तैयार पौधे को आप दूसरे गमले में लगा सकते हैं. ध्यान रखें की इसकी जड़े टूटे नहीं और 2 से 3 इंच गहराई पर लगा लें. आप चाहें तो सीधा बीज भी इसमें डाल सकते हैं और उसका बाद रिजल्ट का इंतजार कर सकते हैं. इसे अब सनलाइट में रखें और पानी दें. अगर आप सर्दियों में मिर्च लगा रहे हैं, तभी इसे सूरज की किरणों में रखें. गर्मी के दौरान इसे थोड़ी छाया में रखना चाहिए. अब कुछ दिनों पर पौधे की मिट्टी की गुड़ाई करें, जिससे की जड़ों को ऑक्सीजन सही से मिल सके. हल्के हाथों से गुड़ाई करें और ध्यान रखें कि जड़ों को नुकसान न पहुंचे. अब इसमें समय-समय पर पानी देते रहें. कुछ दिनों या महीने बाद इसमें मिर्च लगनी शुरू हो जाएगी.
किस तरह तैयार करें मिट्टी?
इसकी मिट्टी तैयार करने के लिए 50 प्रतिशत नॉर्मल मिट्टी, 10 प्रतिशत रेत और 40 प्रतिशत गोबर की खाद मिलाई जाती है. इसके अलावा पौधा लगाते समय आप चाहें तो 40% बागवानी की मिट्टी , 30% गोबर की खाद / वर्मीकम्पोस्ट, 20% रेत और 10% नारियल का बुरादा या लीफ कम्पोस्ट भी मिट्टी में मिला सकते हैं. मिर्च का पौधा सही से ग्रो होने के बाद इसमें खाद डालनी जरूरी है. पौधे को लगाने से 75 दिन बाद हर 15 से 20दिन बाद खाद देना जरूरी होता है. इसके लिए आप गाय के गोबर और मिट्टी को मिलाकर खाद गमले में डाल सकते हैं. इसमें आप एक से दो मुट्ठी गाय के गोबर की खाद, बरनी खाद या किचन कंपोस्ट खाद भी दे सकते हैं.
खाद बदल-बदल कर भी दिया जा सकता है. इसके अलावा अगर सर्दियों में पौधा लगा रहे हैं तो इसमें मस्टर्ड फर्टिलाइजर लिक्विड फॉर्म का उपयोग कर सकते हैं. खाद देने का बाद पानी डालें. खाद डालने से पहले मिट्टी ड्राई होनी चाहिए. इस तरह पौधे में मिर्ची लगने लगेगी. इसमें 60 से 90 दिन के अंदर मिर्च हारवेस्ट करने होने लग जाएगी. इस पौधे से आपको 3 से 4 महीने कर मिर्च मिलेंगे. इसके साथ ही यह भी निर्भर करता है कि आप किस तरह की पौधे की केयर कर रहे हैं. उस मुताबिक पौधा ज्यादा लंबे समय तक चल सकता है.
मिर्च का पौधा लगाने का सही समय
मिर्च के पौधा को आप किसी भी मौसम में लग सकते हैं. इसे लगाने का सबसे सही समय अक्टूबर से नवंबर मतलब की सर्दियों में होता है. 10 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीज मिर्च के बीज सही से अंकुरित हो जाता है.
इन बातों का रखें ध्यान
मिर्ची के पौधे को धूप चाहिए होती है. रोजाना 5 से 6 घंटे धूप जरूरी है. लेकिन गर्मी में थोड़ी कम धूप दिखाएं. 20 से 32 डिग्री सेल्सियस का तापमान इसके लिए सही रहता है. जब मिट्टी ऊपर से सूखी लगे, तभी पानी दें. बहुत ज्यादा पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं.
गर्मी – इस मौसम में सुबह या शाम को पानी दें. मिर्च के पौधे के लिए धूप सही होती है, लेकिन बहुत तेज दोपहर की धूप खासकर 12 से 3 बजे के बीच के समय में पौधे मुरझा सकता है. पौधे को दोपहर की तेज धूप से थोड़ा बचाएं. इसके लिए आप शेड नेट का उपयोग कर सकते हैं. पानी रोजाना या एक दिन छोड़कर देना जरूरी होता है.
मानसून – जुलाई से सितंबर बारिश के मौसम के समय गमले में ज्यादा पानी जमा न होने दें. पौधे को कीड़ों से बचाने के लिए नीम ऑयल स्प्रे करें हफ्ते में एक बार स्प्रे कर सकते हैं. क्योंकि मानसून में फफूंदी, पत्ती के धब्बे, पाउडरी मिल्ड्यू जैसी समस्या देखने को मिल सकती हैं.
सर्दी – अक्टूबर से जनवरी के बीच धूप जरूर मिले, पानी सही मात्रा में दें. हर पौधे को मौसम के मुताबिक सही केयर करनी बहुत जरूरी है. ठंडी हवाओं के कारण पौधा खराब भी हो सकता है. रात में तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे न जाए, इसका ध्यान रखें. 5 से 6 घंटे की धूप जरूर दें.
न करें ये गलतियां
अगर मिर्च का पौधा सही से ग्रोथ नहीं हो पा रहा है, तो इसके पीछे कुछ गलतियों हो सकती हैं. जिसमें सीडलिंग ट्रे या से 3 से 4 इंट गराई का उपयोग कर सकते हैं. इसमें मिट्टी की जगह 50 कोको पीट और 50 बरमिंग कम्पोस्ट का उपयोग कर सकते हैं. क्योंकि गमले में बीज डालने के कारण बीज दब जाते हैं या उनकी जड़े सही से डेवलप नहीं हो पाती है.
इसके साथ ही पौधे को सही तरीके से ट्रांसफर करना चाहिए. इसलिए ध्यान रखें कि मिर्च के पौधे को ज्यादा गहराई में न लगाएं. साथ ही ग्रो बैग का साइज सही चुनें. इसके साथ ही सही तरीके से खाद न देने के कारण भी पौधा खराब हो सकता है. इसे धूप की जरूरत होती है लेकिन गर्मी के समय इसे छाया में रखें. मिर्च के पौधे में फूल आने लगे तो लिमिट में पानी देना है, जब मिट्टी में नमी है तो पानी न दें. ये थोड़ी सुखी नजर आए तभी इसमें पानी डालें. इसके अलावा मिर्च का समय-समय पर पौधे से हटाते रहे. अगर मिर्च पौधे में लगी रहेगी तो इससे वह पूरा न्यूट्रिशन ले लेंगी और सूखने लग जाएगी. इसलिए इन बातों का भी जरूर ध्यान रखें.
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